ऐसे में परंपरागत सेक्स संबंधों के परे जाने को महिलाओं के उन रूढ़ियों को तोड़ने के तौर पर देखा जा सकता है, जो लिंग के आधार पर बनाई गई हैं.
नई दिल्ली: टीवी वाली नागिन के दिन अब पुराने हो गए जब टीआरपी की रेस में वो सबको पछाड़ देती थी. अब यूट्यूब का मैदान है और व्यूज की रेस. इस रेस में टॉप पर ‘चुड़ैल’ हैं.
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गांव में बच्चों के माता पिता दोनों बच्चों को ढूंढते ढूंढते पागल हो रहे थे कि इतने dns to block porn में चुड़ैल दोनों बच्चों को लेकर आ जाती है। दोनों माता पिता अपने बच्चों को पाकर बहुत खुश हो जाते हैं लेकिन वे सभी गांव वालों को बुला लेते हैं और चुड़ैल के मारने के लिए कहते हैं।
तब लड़की बोली, नहीं मां, मैं पूजा खतम करके घर का सारा काम कर दूंगी। फिर लड़की पूजा खतम करके घर के काम में लग गई। लड़की ने बरतन मांजे और कपड़े धोए। घर का सारा काम खत्म करते करते शाम हो गई। सुबह से लड़की ने कुछ खाया भी नहीं था। फिर भी लड़की ने घर का सारा काम खत्म कर दिया।
कुछ दिन पूर्व कार्यकर्ताओं की बैठक बुला किया शक्ति प्रदर्शन
इस एक डायलॉग के सामाजिक और लैंगिक पहलू तो हैं ही, एक और ऐसा पहलू है जिसकी ओर फिल्म देखकर निकली एक लड़की ने ध्यान दिलाया था. उसका कहना था, "यह डायलॉग लोगों के लिए विशेष इसलिए है क्योंकि वे मानकर चलते हैं कि गांव की औरतें सेक्स पर बात नहीं करतीं.
किड्सलॉजिक ने इन वीडियोज के लिए तीन स्क्रिप्ट राइटर हायर किए हैं जिनमें दो लड़के और तीन लड़कियां हैं.
तभी उसे एक विशाल और प्राचीन पेड़ की ओर से एक आवाज सुनाई दी। वह उसे पुकार रही थी। उसने वहां जाकर देखा तो उसे एक पेड़ मिला जो कि जादुई पेड़ था, जो उसे पुकार रहा था।
वीडियो कैप्शन, कोरोना के दौर में घरेलू हिंसा के ख़िलाफ ये औरतें फैला रही हैं जागरूकता
‘ के नाम से वीडियो अपलोड करने शुरू किए हैं. ‘
लेकिन इसी बीच में और मेवाराम जैन का कहना था कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है. ऐसे में उनका किसी के साथ रहना या नहीं रहना कोई मायने नहीं रखता.
इसपर बहू और सास की लड़ाई हो गई. बहू जब गुस्से में कमरे में आई तो बाबूलाल ने उसका चेहरा शीशे में देखा. उसका चेहरा नीला था. उसे पता चला कि वो सच में चुड़ैल है. वो भागा-भागा उसके दोस्त के पास गया. चुड़ैल भी उसके पीछे-पीछे चल पड़ी और उसकी बलि चढ़ाने की तैयारी करने लगी. इतनी ही देर में बाबूलाल के दोस्त ने बजरंग बलि का मंत्र पढ़ा. चुड़ैल भष्म हो गई.
लेकिन बतौर आर्टिस्ट आपकी सबसे बड़ी सफलता यही है कि आपका काम समाज में एक नई बहस शुरू कर सके.. शायद आने वाले दिनों में ऐसी कहानियाँ ख़ुद औरतें ही पर्दे पर लाएँगी. एक मर्द को ऐसा नहीं करना पड़ेगा."